1917 समझौते का उल्लंघन क्यों ?

हरिद्वार में गंगा

1917 भीमगौड़ा समझौता| भीमगौड़ा बैराजमदन मोहन मालवीयहरिद्वार| ब्रिटिश सरकार| हर की पौड़ी| अविरल गंगा

अंग्रेज 1917 में हरिद्वार के भीमगौडा में गंगा के ऊपर बाँध निर्माण करना चाह रहे थे जिसके विरोध में मदन मोहन मालवीय जी ने आन्दोलन किया था. ऊपर दिए गए चित्र में दिखाई गई उत्तरी चैनल से अंग्रेज एक नहर के माध्यम से पानी निकालना चाहते थे. इस उद्देश्य के लिए वे एक बैराज बनाना चाहते थे. मालवीय जी ने इस परियोजना का विरोध करते हुए कहा कि बैराज के पीछे एक जलाशय बनेगा जिसमे से निकला पानी शुद्ध नहीं होगा क्योंकि यह बैराज के पीछे रुका हुआ पानी होगा. मालवीय जी के विरोध करने के पश्चात ब्रिटिश सरकार ने माना कि उत्तरी चैनल से पानी बिना किसी फाटक के निकाला जाएगा. नीचे की तस्वीर में देखा जा सकता है की उत्तरी चैनल में कोई बैराज नहीं बनाया गया. बैराज नीचे बनाया गया था. मालवीय जी से हुए समझौते के अंतर्गत गंगा से हर की पौड़ी तक पानी के रास्ते में कोई अवरोध नहीं बनाया गया था. गंगा का अविरल पानी हर की पौड़ी में पहुँचता था जैसा कि नीचे की तस्वीर में दिखाया गया है.

गूगल अर्थ से फोटो: चैनल के माध्यम से गंगा

हिंदू समुदायवरिष्ठ प्रतिनिधि शंकराचार्यबैराज| गंगा | समझौते की प्रतिलिपि|

अंग्रेजो के बीच जो समझौता हुआ था उसमें यह भी बताया गया है कि ” हिंदू समुदाय के साथ पूर्व विचार-विमर्श के बिना कोई कदम नहीं लिया जाएगा” हिंदू समुदाय के वरिष्ठ प्रतिनिधि चार शंकराचार्य हैं. सभी शंकराचार्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गंगा पर कोई बैराज नहीं बनाया जाना चाहिए. शंकराचार्यों द्वारा दिए गए वक्तव्य यहां रखे गए हैं: (श्री भारती तीरथ जी , निश्चलानंद जी  और स्वरुपानंद जी.)  समझौते की प्रतिलिपि नीचे दी गई है और आयोजित समझौते का विस्तृत अध्ययन यहां संलग्न है

समझौते का उल्लंघनबाँध निर्माणटिहरी बाँधश्रीनगर बाँधगंगा की महत्ताभारत सरकार| नए बाँध

भारत सरकार ने 1917 समझौते के दो बड़े उल्लंघन किए हैं. एक, उसने टिहरी और श्रीनगर जैसे कई बांध बनाये हैं जिसने गंगा को स्थिर जलाशयों में बदल दिया है. यह 1917 के समझौते के विपरीत है. दूसरा, इस समझौते में की गयी व्यवस्था के अनुसार बैराज बनाने से पहले हिंदू समुदाय के साथ परामर्श नहीं किया गया है. जब अंग्रेज गंगा की महत्ता को समझ सकते हैं तो हमारी अपनी सरकारें क्यों नहीं समझती?

सरकार से अनुरोधबाँध हटानाचीला बैराजभारत सरकार | अविरलटिहरी| चीला| भीमगौड़ा

हम प्रधान मंत्री मोदी जी से अनुरोध करते हैं कि 1917 के मदन मोहन मालवीय समझौते को सरकार द्वारा लागू किया जाना चाहिए. गंगा के अविरल प्रवाह को वाधित करने वाली सभी योजनाओ को हटाया जाना चाहिए जिनमे टिहरी, चीला, भीमगौड़ा शामिल हैं. गंगा नदी पर बांधों के निर्माण को पूर्णतया बंद करना चाहिए जैसा शंकराचार्यों द्वारा घोषित किया गया है.