रेली फॉर रिवर्स के अनुसार नदी तटों पर वृक्षारोपण से बचेंगी नदियाँ – क्या यह संभव है ?

 

सद्गुरु जग्गी वासुदेव ‘रेली फॉर रिवेर्स’ अभियान के तहत कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक गाड़ी चलाकर लेकर जायेंगे जिसके तहत वे लोगों को नदियों को बचाने का सन्देश भी देंगे. यह रेली 16 भारतीय राज्यों से होते हुए देश की 30 नदियों को बचाने का सन्देश देगी.


सद्गुरु जी का मानना है कि हमें भविष्य के लिए जीवनदायिनी नदियों को सूखने से बचाना है और इसके लिए हमें नदियों के किनारे वृक्षारोपण करने की ज़रूरत है.

Rally for Rivers Main Objectives

  • Disseminate information on the current status of India’s Rivers.
  • Develop actions that would of restoring and rejuvenating surface water resources. The main action would be reforesting river banks with native trees.
  • Culminate in a government and community-led project of rejuvenation with firms of policy intervention.

स्पष्ट है की रेली फॉर रिवर्स का मुख्य उद्देश्य वृक्ष लगाना है .

रेली फॉर रिवर्स की सत्यता यह है कि “रेली फॉर रिवर्स” कीर्ति (प्रसिद्धि) और कंचन (धन) के लिए बनाया गया है. अर्थात यह नदी की रेली नहीं अपितु कीर्ति और कंचन की रेली है जिसमे की नदियों को पुनर्जीवित करने की कोई भी बात नहीं कही गयी है. हम यहाँ पर रेली फॉर रिवर्स की एक रिपोर्ट भी देख सकते हैं जिसमे की नदियों के पुनरुद्धार की कोई बात नही की गयी है.

जल पुरुष राजेंद्र सिंह के अनुसार विभिन्न राज्य सरकारों के साथ पेड़ लगाने का अनुबंध किया जा रहा है और ठेकेदारों को पेड़ लगाने में शामिल किया जा रहा है. अर्थात यह माना जा सकता है कि नदियों को बचाने के नाम पर सिर्फ व्यवसायीकरण हो रहा है. मनमाने बजट में ठेकेदारों को पेड़ लगाने को दिए जा रहे हैं. अक्सर नदियों के किनारे वृक्षारोपण हरे जोन (flood zone) में किया जाता है लेकिन आजकल flood zone में लोगों द्वारा कब्जे हो गये हैं, अतिक्रमण हो गये है ,नदियों में प्रदुषण हो गया है और नदी के जल का शोषण हो रहा है. वहीँ अगर हम अपनी राष्ट्रिय नदी गंगा की तरफ देखें तो गंगा नदी के मुख्य तीन खतरे हैं  – अतिक्रमण, प्रदुषण और जल और रेत पत्थर का शोषण. जिनकी बात रेली फॉर रिवेर्स ने कहीं नहीं कही है. गंगा नदी की मुख्य समस्याएँ जलविद्युत परियोजनाएं, कृषि के लिए अत्यधिक पानी का निकला जाना, नदी में अंतर्देशीय जलमार्गों का निर्माण और प्रदुषण हैं. जिन विषयों के ऊपर रेली फॉर रिवर्स शांत है. रेली फॉर रिवेर्स का उद्देश्य लोगों को नदियों की वास्तविक समस्या न दिखा कर उनका ध्यान भटकाने का है ताकि नदियों द्वारा आर्थिक विकास के मामले में जनता की आवाज़ को दबाया जा सके.

रेली फॉर रिवेर्स वृक्षारोपण के नाम पर राज्य सरकारों के साथ एक व्यवसाय का अनुबंध कर रहा है इस यात्रा के  प्रायोजक अडानी जी और अंबानी जी हैं जिनकी कंपनियों की संविदाओं द्वारा इस वृक्षारोपण पर करोड़ो रूपए का बिज़नेस होगा. (महाराष्ट्र सरकार के साथ रेली फॉर रिवर्स का अनुबंध आप यहाँ देख सकते हैं.)

अतः रेली फॉर रिवर्स से हमारा निवेदन है कि नदियों को बचाने के लिए जलविद्युत परियोजनाओं, सिंचाई के लिए नदियों से जल निकालना, प्रदुषण, और अंतर्देशीय जलमार्गों द्वारा पर्यावरण को नुक्सान जैसी मुख्य समस्यांओं पर अपना महत्व स्पष्ट करे. इन असल कारणों को छुपाकर वृक्षारोपण के नाम पर देश की नदियों की हत्या में भागीदार न बने.

 

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