1. जल-विद्युत्
जलविद्युत परियोजनाओं को आंशिक रुकावट बनाकर नदी से पानी निकालना चाहिए यानी आधे हिस्से से बिजली बनाई जाय और दुसरे हिस्से को अविरल बहने देना चाहिए ताकि मछलियों की धारा-विरुद्ध (upstream) आवागमन और गाद (sediments) के नीचे बहने पर प्रभाव ना पड़े.
2. टिहरी
टिहरी बांध को हटा देना चाहिए. मानसून के पानी को मैदानी इलाकों में भूजल के रूप में संग्रहित किया जाना चाहिए.
3. सिंचाई
सिंचाई के लिए पानी का नाप के हिसाब से मूल्य निर्धारण किया जाना चाहिए. किसानों को हुए नुक्सान की क्षतिपूर्ति के लिए कृषि उत्पादों की कीमत बढ़ाई जानी चाहिए.
4. प्रदूषण
सभी उद्द्योगों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पालिसी अनिवार्य होना चाहिए. ट्रीटेड सीवेज-जल का प्रयोग को सिंचाई के लिए अनिवार्य करना चाहिए.
5. फरक्का
गंगा के जल को भागीरथी के पुराने पाट से हूगली में ले जाना चाहिए. इससे पानी निकलने के लिए नए बराज के पीछे केवल ३ मीटर ऊँचा तलब बनेगा और बिहार में फरक्का का तांडव समाप्त हो जायेगा.
6. सुंदरबन
सुंदरवन को कटाव से बचाने के लिए गंगा में बाढ़ को आने से देना चाहिए जिससे कि गाद समुद्र पर पहुँच सके और कटाव कम हो.