प्रधानमंत्री मोदी जी ने पानी के संरक्षण के महत्व पर बल दिया है. किन्तु उन्होंने पानी के संरक्षण का स्वामित्व आम लोगों पर डाल दिया है जबकि यह इंजीनीयरों का कार्य है. इंजीनीयरों को रिचार्ज कुँए बनाकर भूजल रिचार्ज करने पर बल देना चाहिए न कि सिर्फ बड़ी परियोजनाओं को बनाने पर. परन्तु सरकारी इंजीनीयर बडे बाँध बना कर वाष्पीकरण और नहर परिवाहन के माध्यम से अधिक पानी बर्बाद कर रहे हैं. इसलिए लोगों की भागीदारी मांगने से पहले सरकार की नीति को सुधारना सबसे महत्वपूर्ण है. यदि सरकार की नीतियाँ गलत हैं, तो लोगों की भागीदारी किसी समस्या का हल नहीं कर सकती.