जलविद्युत परियोजनाओं का सर्वोत्तम विकल्प

बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा पैनल

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पर्यावरणविद्दो द्वारा गंगा नदी पर जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण का लगातार विरोध किया जा रहा है. उनसे प्रश्न पूछा जाता है कि यदि हम जलविद्युत नहीं बनायेंगे तो बिजली की जरूरतों को पूरा कैसे करेंगे?

हमारे पास सोलर पावर या सौर ऊर्जा का अतिउत्तम विकल्प मौजूद है. आंकलनो के अनुसार हमारे देश में सोलर पावर की क्षमता 750 गीगावाट है. इसकी तुलना में हाइड्रोपावर या जलविद्युत की क्षमता केवल 306 गीगावाट है. इससे स्पष्ट होता है कि हम हाइड्रोपावर से जितनी बिजली बना सकते हैं उससे लगभग ढाई गुना ज्यादा बिजली हम सोलर पॉवर से बना सकते हैं. अतः हम यह मान सकते हैं कि पर्याप्त मात्रा में सोलर पॉवर का उत्पादन हो सकता है.

विचार करने योग्य विषय बिजली उत्पादन के दाम का है. वर्तमान समय में सोलर पॉवर का उत्पादन दाम लगभग 3 रुपया प्रति यूनिट है. लेकिन सोलर पॉवर के साथ समस्या यह है कि इसका उत्पादन दिन के समय सूर्य की रौशनी में होता है जबकि बिजली की जरुरत सुबह और शाम के समय अधिक होती है. इसलिए हमें सोलर पॉवर को सुबह शाम की बिजली अर्थात पीकिंग पॉवर में बदलना होगा. सोलर पॉवर को पीकिंग पॉवर में बदलने के लिए भी एक उत्तम विकल्प मौजूद है. विकल्प की इस विधि को पम्प स्टोरेज सिस्टम कहा जाता है. इस विधि में दो तालाब बनाये जाते हैं. एक तालाब नीचे बनाया जाता है जबकि दूसरा कुछ ऊंचाई पर ऊपर बनाया जाता है जैसा कि निम्न चित्र में दिखाया गया है.

सुबह शाम की बिजली उत्पादन के लिए पम्प स्टोरेज सिस्टम

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इस विधि को पम्प और टरबाइन द्वारा जोड़ा जाता है. दिन के समय जब सौर ऊर्जा उपलब्ध होती है तब लगे हुए पम्प के माध्यम से नीचे के तालाब से पानी उठा कर ऊपर के तालाब में पहुंचाया जाता है. सुबह-शाम के समय ऊपर के तालाब से पानी छोड़कर टरबाइन के माध्यम से नीचे के तालाब में लाया जाता है. इस प्रकार हम दिन की सोलर पॉवर को सुबह-शाम की पीकिंग पॉवर में बदल सकते हैं. नीचे दिए गए चित्र से हम इसे समझ सकते हैं.

पम्प स्टोरेज विधि की कार्यप्रणाली

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथोरिटी (CEA) के प्रमुख के अनुसार इस प्रकार के पम्प स्टोरेज विधि से दिन की बिजली को सुबह शाम की पीकिंग पॉवर में बदलने के लिए खर्चा सिर्फ 40 पैसा प्रति यूनिट आता है. अतः पीकिंग पॉवर बनाने के हमारे पास अब दो विकल्प मौजूद हैं. एक विकल्प है कि हम सोलर पॉवर के साथ पम्प स्टोरेज को जोड़ दें. सोलर पॉवर से बिजली की कीमत लगभग 3 रुपया होता है और पम्प स्टोरेज से बिजली की कीमत 40 पैसा होता है. कुल मिलाकर 3 रूपया 40 पैसे होता है, अर्थात हमें लगभग 4 रुपये में सोलर पीकिंग पॉवर उपलब्ध हो सकती है. इसकी तुलना में वर्तमान समय में हाइड्रोपावर द्वारा उत्त्पन्न बिजली का दाम 8 से 11 रुपये प्रति यूनिट होता है.

सोलर पॉवर| पम्प स्टोरेज विधि| पर्यावरण नुक्सान| नदियाँ

यह माना जा सकता है कि सोलर पॉवर के साथ पम्प स्टोरेज विधि जोड़ना हमारे लिए तीन दृष्टि से लाभकारी है. पहला यह कि इसके द्वारा उत्पन्न बिजली हमे सस्ते में प्राप्त होगी. दूसरा यह कि इसकी पर्याप्त संभावनाएं हैं. तीसरा यह कि ये हमारे पर्यावरण और नदियों के संरक्षण के लिए लाभदायक होगी. अतः हमारा मानना है कि वर्तमान में चल रही सभी जलविद्युत परियोजनाओं को हटाकर सोलर पॉवर के साथ पम्प स्टोरेज विधि की तरफ ध्यान देना चाहिए जिससे बिना पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए हम बिजली उत्पादन आसानी से कर सकें.

इस सन्दर्भ में यूट्यूब वीडियो यहाँ देखें