नमामि गंगे अभियान क्या है?
गंगा नदी के पुनरुद्धार और कायाकल्प के लिए भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 2016 में नमामि गांगे मिशन शुरू किया गया है. मिशन के अंतर्गत गंगा की सतह पर साफ सफाई, क्रीमेटोरिया आधुनिकीकरण, घाट की मरम्मत, ग्रामीण स्वच्छता, नगर मल-जल प्रबंधन और वनीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है. (यहां देखें)
नमामि गंगे अभियान की जरुरत क्यों है?
नीचे हम नमामि गंगे मिशन के तहत काम कर रहे कचरा मशीनो को देख सकते हैं:
नदी की सतह की सफाई के तहत सफाई से पहले और सफाई के बाद की स्थिति नीचे सकते हैं:
गंगा की मुख्य समस्याए क्या है?
- हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स के निर्माण, गंगा जल की आध्यात्म की हानि और जैव विविधता के नुक्सान के लिए प्रमुख हैं. (इस सन्दर्भ में आईआईटी की रिपोर्ट यहाँ देख सकते हैं)
- गंगा के जल द्वारा सिंचाई के लिए बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किये जाने से गंगा में प्रवाहित जल की मात्रा बहुत कम हो जाती है.
- अंतर्देशीय जलमार्गों के निर्माण के कारण प्रदूषण में वृद्धि हुई है और जलीय जीवन अस्त व्यस्त हुआ है.
- फरक्का बैराज से लवणीय जल नदी तटीय भूमि की तरफ बढ़ रहा है, और बिहार में बाढ़ की अत्यधिक संभावनाएं बढ़ रही हैं.
नमामि गंगे मिशन से हमारा अनुरोध है कि केवल गंगा सफाई पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय इन बुनियादी मुद्दों पर ध्यान दें और इनसे ध्यान भंग न करें. हमें गंगा प्रदूषण के उन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जिनके कारण माँ गंगा वास्तव में अपना अस्तित्व खो रही है.
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