गंगा जल की आध्यात्मिक शक्ति

श्री लालकृष्ण आडवाणी ने ऋषिकेश में गंगा नदी से आशीष मांगा. इसी तरह गंगा से आशीर्वाद लेने के लिए कई प्रसिद्ध मशहूर हस्तियां ऋषिकेश में आते हैं. गंगा को पवित्र माना जाता है क्योंकि उसके पानी में आध्यात्मिक शक्तियां हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि गंगा में यह आध्यात्मिकता कहां से आती है ?

पानी के अणु हाइड्रोजन और ऑक्सीजन परमाणुओं द्वारा बनें होते हैं. ये परमाणु एक साथ मिलते हैं और पानी के एक अणु का निर्माण करते हैं. बड़ी संख्या में अणु एक साथ मिलकर सुंदर रचनाओं के आणविक समूह बनाते हैं. इन समूहों के आकार में आध्यात्मिक शक्ति होती हैं. जापानी वैज्ञानिक मसरू इमोटो ने इन समूहों की तस्वीर ली है जो नीचे दी गई है. नीचे दी गई फोटो बहते पानी की है:

स्वच्छ जल में पानी के क्रिस्टल
स्वच्छ क्रिस्टल के कारण होता है जल स्वच्छ

ये समूह पानी में विभिन्न आकारों में पाए जाते हैं. पहली तस्वीर झरने के जल के समूह की है और दूसरी स्वच्छ प्रवाह वाले पानी के समूह की है. दोनों समूहों के आकार में अंतर इंगित करता है कि पानी के प्रवाह से समूह के आकार में अंतर पैदा हो जाता है. इन समूहों का एक विस्तृत अध्ययन नीचे दिया गया है. हम मानते हैं कि गंगा के पानी में पाए जाने वाले समूहों के आकार को बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर से निकल रही आध्यात्मिक किरण प्रभावित करती हैं. बद्रीनाथ से आ रहे गंगा के पानी की आध्यात्मिक शक्ति इसी प्रकार के समूहों में रहती है.बिजली उत्पन्न करने के लिए गंगा का जल जब जल विद्युत टर्बाइनों से गुजरता है तो ये समूह बिखर जाते हैं.पानी को जब टर्बाइन की ब्लेड पर डाला जाता है तो पानी विघटित हो जाता है. इन ब्लेडों के कारण पानी में मौजूद आणविक समूह नष्ट हो जाते हैं जिसके कारण पानी की आध्यात्मिक शक्ति विलुप्त हो जाती है और पानी की आध्यात्मिक ऊर्जा भी हीन हो जाती है. जल विद्युत टरबाइन के कारण पानी की ऊर्जा के नष्ट होने का सबूत क्रिलियन फोटोग्राफी से उपलब्ध होता है. नीचे टिहरी बांध के ऊपर के पानी के समूह का क्रिलियन फ़ोटो है. आप समूह के चारों ओर एक प्रभामंडल देख सकतें है. यह ऊर्जा के उच्च स्तर को दर्शाती हैं.

टिहरी के ऊपर पानी के समूह की क्रिल्लियन फोटो

टिहरी बांध से नीचे टरबाइन के माध्यम से पानी गुजरने के बाद लिए गए पानी के समूह की एक और क्रिल्लियन फोटो नीचे दे रहें हैं.

टिहरी के नीचे पानी के समूह की क्रिल्लियन फोटो

हम देख सकते हैं कि क्रिस्टल के चारों ओर का प्रभामंडल गायब हो गया है. यह दर्शाता है कि पानी ने अपनी आंतरिक ऊर्जा खो दी है. इन तस्वीरों का एक विस्तृत अध्ययन यहां उपलब्ध है( पेज 30 चैप्टर 4 ). सरकार जल विद्युत टर्बाइनों के माध्यम से हो रही गंगा की आध्यात्मिक शक्ति के सरंक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. हम सरकार आशा करते हैं कि गंगा पर बनी जलविद्युत परियोजनाओं को हटाने और नई जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण को रोकने के लिए उचित कदम उठाये जाएँ ताकि गंगा की आध्यात्मिक शक्ति संरक्षित हो सकें और गंगा में डुबकी लगाने वाले लाखों लोगों को आध्यात्मिक लाभ मिलें.