उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसी साल 20 मार्च को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए गंगा और जमुना नदियों को जीवित इंसान का दर्जा दिया था.
उत्तराखंड सरकार को इन नदियों के हितों की रक्षा करने का आदेश दिया था. लेकिन उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 07-07-2017 शुक्रवार को हाईकोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. ( हमारी दूसरी पोस्ट देखें )
गंगा नदी को भारतवर्ष के लोग देवी के रूप में पूजा करते हैं. भारत की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में गंगा नदी को देवी के रूप में निरूपित किया गया है. गंगोत्री तथा अन्य स्थानों पर गंगा के मंदिर और मूर्तियां भी स्थापित है.
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी सत्तारूढ़ है. भारतीय जनता पार्टी का सृजन संघ परिवार में हुआ है. भाजपा रास्ट्रीय सेवक संघ का परिवार है. रास्ट्रीय सेवक संघ को श्री केशव बलिराम हेडगेवार ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए स्थापित किया था. इसलिए यही आश्चर्य का विषय है की हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बनाई गयी पार्टी हिन्दू धर्म की मान्यता को निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट गयी है. यह भी चिंता का विषय है सर्वोच्च न्यायालय ने केविएटर (हस्तक्षेपकर्ता) को बिना सुने उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी है.
हम भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह करते है कि उत्तराखंड सरकार को निर्देश दें की सुप्रीम कोर्ट में लगाईं याचिका को वापस लें.
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