ब्रह्मचारी आत्म्बोधानंद जी के लिए समर्थन

ब्रह्मचारी आत्म्बोधानंद जी की तपस्या प्रतिदिन आगे बढ़ रही है| वे अपने अटूट विश्वास पर डिगे हुए हैं, तनिक भी विचलित नहीं हैं| उनके इस कड़े संकल्प को देखकर पूरे देश में रैलियां, पत्र लेखन, धरना प्रदर्शन जारी है|

प्रधानमंत्री जी का ध्यान आकर्षित है कि यदि राजा के साम्राज्य का एक भी व्यक्ति असंतुष्ट हो तो रजा उसका संज्ञान लेने के लिए या तो स्वयं जाता है या अपने नुमाइंदों को भेजता है और संवाद स्थापित करता है| राजा में अहम् भाव नहीं होता चूँकि वह जनता का ही नुमाइंदा होता है| देशभर के लोग वर्तमान में गंगा के पुजारी मोदी जी को अपने मन की पीड़ा से अवगत करा रहे हैं| अतः अब संवाद स्थापित करना ही चाहिए| हमारी सीढ़ी पंहुच आप तक नहीं है, अतः हम अन्य माध्यमो का सहारा ले रहे हैं|

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