यूएसए की फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भी माना की संभव है फ़ाज थेरेपी से कोविड का उपचार

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) हमारे ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया के समकक्ष है.

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एफडीए ने कोविड से संक्रमित रोगियों को हुए ड्रग-रेसिस्टेंट बैक्टीरियल संक्रमण के उपचार के लिए हाल में फ़ाज थेरेपी को स्वीकृति दी है.

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कोविड से रोगी की इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाती है और विभिन्न बैक्टीरिया हमला कर देते हैं. इनमे कई बैक्टीरिया पर एंटी-बायोटिक दवा काम नहीं करती है. इन बैक्टीरियल संक्रमण के उपचार के लिए एफडीए ने फ़ाज थेरेपी को स्वीकृति दी है. फ़ाज एक प्रकार के वायरस होते हैं जो प्रकृति में सामान्य रूप से उपलब्ध होते हैं. ये प्रकृति में बैक्टीरिया से लगातार युद्ध करते रहते हैं. ये बैक्टीरिया में प्रवेश करके बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं. इसी प्रकार फ़ाज से हमारे शरीर के अंदर जो हानिप्रद बैक्टीरिया हैं उनको भी मारा जा सकता है. पूर्व में फ़ाज थेरेपी को स्वीकृति नहीं थी, अब एफडीए ने इसे स्वीकृति दे दी है. कोविड से निकल कर मल्टीप्ल बैक्टीरियल संक्रमण से ग्रसित 9 रोगियों को फ़ाज थेरेपी दी गयी. सभी 9 ठीक हो गए.रिपोर्ट यहाँ देखिये अमेरिकी व्यवस्था में प्रकृति के हजारों फाज में से  कुछ विशेष फाज को चिनहित कर के रोगी को दिया जाता है जो कि उन विशेष बैक्टीरिया को मारने में सक्षम होता है जिससे रोगी ग्रसित हो. हमने इस विधा में परिवर्तन किया कि बिना चिनहित किये गंगा में जो प्रचुर मात्रा में  फाज उपलब्ध है

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उन्हें यूँ का यूँ रोगियों को दिया. हमने पाया कि तमाम प्रकार के रोगियों को लाभ हुआ है. 1 से 10 के पैमाने पर पेशाब के रोगियों को 3.3 का लाभ हुआ, श्वास के रोगियों को 3.0 का, मानसिक रोगियों को 2.6 का, डायबिटीज के रोगियों को 2.5 का और इस प्रकार अन्य लोगों का जैसा आप तालिका में देख सकते हैं.

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गंगा में जो प्रचूर मात्रा में फ़ाज उपलब्ध है उन्हें हम रोगियों को तीन प्रकार से दे सकते हैं: श्वास से  (नेबुलाईजर द्वरा), मुंह से या शरीर में लगाकर. हमने पाया कि इससे रोगियों की रोग शामक ताकत बढ़ जाती है. हमें इस दिशा में अब आगे बढ़ना चाहिए. गंगा के फाजेस का उपयोग करके अपनी जनता को रोग मुक्त करने की तरफ यह सस्ता कदम उठाना चाहिए.