क्यों दे रहा है लार्सन एंड टुब्रो देश को धोखा?

उत्तराखंड की मन्दाकिनी नदी पर लार्सन एंड टुब्रो कंपनी द्वारा सिंगोली भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना को बनाया जा रहा है. इस परियोजना द्वारा मन्दाकिनी नदी की अविरलता खंडित हो जाएगी. वर्तमान में मन्दाकिनी नदी पर और कोई जल विद्युत परियोजना नहीं है और मन्दाकिनी नदी भगवान् केदारनाथ से निकलकर रुद्रप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है और वर्तमान में इसका प्रवाह अविरल है. इस परियोजना के बनने के बाद यह अविरलता खंडित हो जाएगी.

विचारणीय विषय यह है कि लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को भी इस परियोजना को बनाने में भारी घाटा लग रहा है. हमारी जांच के अनुसार वर्ष 2010 में इस परियोजना की लागत 566 करोड़ रुपए थी. और उस समय इसकी बिजली को लार्सन एंड टुब्रो नें 2.66 रुपये प्रति यूनिट में बेचने का निर्णय लिया था.

Cost Comparision

Sl. No. Year Project Cost Electricity Cost E-Flows
1. 2010 566 Crores Rs. 2.66 per unit No E-flows

इसके बाद वर्ष 2018 अक्टूबर में सरकार नें अध्यादेश जारी कर के सभी जल विद्युत परियोजनाओं को कहा है कि वे 25% पानी बिना बिजली बनाये नदी के न्यूनतम प्रवाह को बनाये रखने के लिए छोड़ेंगे. अतः 25% बिजली कम बनेगी. तदनुसार लार्सन एंड टुब्रो की जो लागत है वह भी कम लाभप्रद होगी. जैसे 2010 में 2.66 रुपये पर लार्सन एंड टुब्रो के लिए 566 करोड़ रुपये का निवेश करना लाभप्रद था. अब क्योंकि 25% बिजली कम बनेगी इसलिए 25% कम पूँजी के लिए ही यह परियोजना कार्य कर पाएगी. यानि पर्यावरणीय प्रवाह छोड़ने के बाद यदि 2.66 रुपये पर बिजली का विक्रय होता है तो केवल 424 करोड़ रुपये का ही निवेश लाभप्रद होगा.

Cost Comparision

Sl. No. Year Project Cost Electricity Cost E-flows
1. 2010 566 Crores Rs. 2.66 per unit No E-flows
2. 2018 424 Crores Rs. 2.66 per unit 25% E-flows

इस समय हमें सूचना मिली है कि लार्सन एंड टुब्रो नें उत्तराखंड सरकार को प्रस्ताव रखा है कि वे 4.25 रुपये में अपनी बिजली को बेचने को तैयार है. यदि मान लिया जाये कि उत्तराखंड सरकार इस दाम पर बिजली खरीद लेगी तो भी 424 करोड़ के स्थान पर 677 करोड़ रुपये की पूँजी का निवेश ही मात्र लाभप्रद होगा.

Cost Comparision

Sl. No. Year Project Cost Electricity Cost E-flows
1. 2010 566 Crores Rs. 2.66 per unit No E-flows
2. 2018 424 Crores Rs. 2.66 per unit 25% E-flows
3. 2019 677 Crores Rs. 4.25 per unit 25% E-flows

अतः जैसे बिजली का दाम बढेगा उसी अनुसार निवेश कितना लाभप्रद होता है वह मात्रा भी बढ़ेगी. लेकिन इस प्रोजेक्ट पर लार्सन एंड टुब्रो द्वारा 2000 करोड़ रुपये निवेश होने का अनुमान है. यानि 2000 करोड़ रुपये के निवेश के सामने केवल 677 करोड़ रुपये का निवेश लाभप्रद होगा और शेष 1323 करोड़ रुपये का लार्सन एंड टुब्रो को सीधे घाटा लग रहा है. और इस घाटे के बावजूद लार्सन एंड टुब्रो इस परियोजना को जबरदस्ती बना रही है.

Cost Comparision

Sl. No. Year Project Cost Electricity Cost E-flows
1. 2010 566 Crores Rs. 2.66 per unit No E-flows
2. 2018 424 Crores Rs. 2.66 per unit  25% E-flows
3. 2019 677 Crores Rs. 4.25 per unit 25% E-flows
4. 2019 2000 Crores Rs. 4.25 per unit 25% E-flows
5. 2020  Loss to L&T = 2000 Crores – 677 Crores = Rs. 1323 Crores

दूसरी बात यह है कि लार्सन एंड टुब्रो नें अपने शेयर धारकों को यह बात उजागर नहीं की है जो कि उसके लिए कानूनी बाध्यता है. लार्सन एंड टुब्रो नें अपनी एक सब्सिडरी कंपनी L&T Uttaranchal बनाई है और इस कंपनी के शेयर लार्सन एंड टुब्रो खुद खरीद रहा है. प्रश्न यह है कि L&T Uttaranchal द्वारा जो शेयर बेचे जा रहे हैं क्या उनके पीछे कुछ पूँजी है या कोई एसेट हैं?

पहले बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट की कीमत 566 करोड़ रुपये थी इसमें से लगभग 154 करोड़ रुपये व्याज आदि का खर्च है जिससे कोई पूँजी नहीं बनती है. इसलिए कुल पूँजी की कीमत 412 करोड़ रुपये हुई. इन 412 करोड़ की पूँजी के पीछे लार्सन एंड टुब्रो नें 1141 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.

यानि लार्सन एंड टुब्रो द्वारा निवेश किये जा रहे एक रुपये के पीछे वास्तविक पूँजी की कीमत मात्र 0.36 पैसा है.

Sl. No. Item Amount
1. Project Cost 566 Crores
2. Interest and other expances 154 crores (90+64 crores)
3. Total assets cost 412 crores
4. Cost of shares brought by L&T 1141 crores
5. Actual assets behind one rupee share 0.36 paise

लार्सन एंड टुब्रो यह जानते हुए कि इस इस कंपनी में निवेश हानिप्रद है फिर भी बड़े विश्वास से इस प्रोजेक्ट में निवेश कर रहा है और अपने शेयर धारकों को भी बेवकूफ बना रहा है.

समय आ गया है कि सरकार लार्सन एंड टुब्रो पर कार्यवाही करे क्योंकि लार्सन एंड टुब्रो नें अपने शेयर धारकों को अपनी सब्सिडेरी की सही माली हालत की जानकारी नहीं दी है. और लार्सन एंड टुब्रो के मालिकों से हमारा निवेदन है कि जब आपको घाटा लग ही रहा है तो इस परियोजना को बंद कर दीजिये और मंदाकिनी नदी की अविरलता बनाये रखिये जिससे कि देश की एक नदी मुक्त प्रवाह में बह सके और देश की जैव-विविधता की रक्षा हो सके.