गंगा के पास व्हिस्की निर्माण इकाई अस्वीकार्य क्यों?

कहा जाता है गंगा के पानी को पीने, उसकी सुगंध, या स्नान मात्र करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा की सुगंध पृथ्वी के चारों और फैलती है. यही कारण है कि हम उसके तटों को प्रदूषित नहीं करते हैं. इसलिए यह वास्तव में अजीब है कि उत्तराखंड सरकार ने गंगा के तट से बमुश्किल 5 किलोमीटर दूर देवप्रयाग में एक शराब फैक्ट्री की स्थापना को मंजूरी दी है. शराब की गंध अब गंगा की सुगंध के साथ मिश्रित हो जाएगी और देवप्रयाग के तीर्थ यात्रियों को प्रदान की जाएगी जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. 

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